जानें कैसे होती है वोटों की गिनती, कैसी होती हैं मतगणना केंद्र पर तैयारियां

जानें कैसे होती है वोटों की गिनती, कैसी होती हैं मतगणना केंद्र पर तैयारियां

 


Elections Results: 10 मार्च 2022 वो दिन है जब हाल ही मे हुए 5 राज्यों के चुनाव के वोटों का पिटारा खुलने वाला है और  वोटों की गिनती होनी है और फिर ये  तय होना है कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा. तो आइए जानते हैं कि मतगणना केंद्रों पर ईवीएम मशीनों से वोट की गिनती कैसे होती है औऱ फिर कैसे चुनाव के परिणाम कैसे घोषित किए जाते हैं 

 

हाल मे हुए 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों में मतदान के बाद अब 10 मार्च 2022 की सुबह वोटों की गिनती शुरू होगी. मतगणना के लिए खास तैयारियां की जाती हैं. इसकी अपनी एक विशेष प्रक्रिया होती है. हर जिले मे एक मुख्य मतगणना केंद्र होता है, जहां ईवीएम मे डाले गए वोटों की गिनती  होती है. वोटों की गणना के दौरान चुनाव आयोग इसपर विशेष नजर रखता है कि ये पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अनुसार हो और किसी प्रकार की कोई गलती या धांधली न हो सके। 

अभी जिन 5 राज्यों में 10 मार्च 2022 को वोटों की गिनती होनी है।  उनके नाम हैं- यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर। 

 

इन सभी जगहों पर वोटों की गिनती शुरू होते ही कुछ देर में सभी समाचार चैनल पर रुझान भी आने लगते हैं ।  शाम होते होते काफी हद तक तस्वीर साफ होने लगती है कि कौन जीतने वाला है ।

वोटों की गिनती कैसे होती है ?

 

  • मतों की गिनती 10 मार्च 2022 को सुबह  8 बजे से शुरू होगी.
  • सबसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर मतों की गोपनीयता बनाए रखने की शपथ लेते हैं ।  वे इस शपथ को वोटों की गिनती शुरू होने से पहले जोर-जोर से बोलकर पढ़ते हैं । 

 

EVM मशीनों की जांच होती है

 

  • वोटिंग शुरू होने से पहले सारी EVM मशीनों की जांच की जाएगी. यह जांच भी रिटर्निंग ऑफिसर की उपस्थिति में ही की जाती है । 

 

वोट काउंटिंग से पहले ईवीएम की प्रापर जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि EVM से कोई छेड़खानी तो नहीं हुई है.

कितने काउंटिंग एजेंट मौजूद रहते हैं ?

 

  • वोटों की गिनती के दौरान संबंधित क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवार अपने अपने  काउंटिंग एजेंट या इलेक्शन एजेंट के साथ काउंटिंग सेंटर पर रहने की अनुमति होती है ।  काउंटिंग एजेंट वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रिया की देखरेख करते हैं । 

 

पहले पोस्टल बैलेट मतों की गिनती होती है

 

  • सबसे पहले पोस्टल बैलेट के वोटों की गिनती होती है, इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती है।  सभी तरह की मतों की गिनती के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर मौजूद रहते हैं । 
  • मतों की गिनती के दौरान ईवीएम के क्षतिग्रस्त होने या वीवीपैट पर्चियों में किसी गड़बड़ी या कोई अन्य गड़बड़ी के पाए जाने पर चुनाव की देखरेख कर रहा रिटर्निंग अफसर, तुरंत इस बात की सूचना चुनाव आयोग को देता है । 

 

 

मतगणना के दौरान कोई गंभीर बात होने पर मामले को सुलझाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग कोई फैसला लेता है। 

 

गिनती के दौरान कोई गंभीर बात या किसी गड़बड़ी पर क्या होता है

 

  • ऐसा होने पर परिस्थिति की गंभीरता पर यह निर्भर करता है कि चुनाव आयोग क्या फैसला करेगा? चुनाव आयोग मामले का अध्ययन करने पर अगर कोई बड़ी गलती या कमी नहीं पाता है तो वह गिनती की प्रक्रिया को जारी रखने को कह सकते हैं और अगर कोई गंभीर कमी या गलती पाई जाती है तो चुनाव आयोग, चुनावों को खारिज कर सकता है और फिर से चुनावों के आदेश दे सकता है । 

 

फिर कैसे होता है नतीजा घोषित

 

  • अगर मतों की गिनती बिना किसी गड़बड़ी की शिकायत और बिना चुनाव आयोग के किसी विशेष निर्देश के पूरी हो जाती है तो वहाँ उपस्थित रिटर्निंग ऑफिसर ही मतों की गिनती के पूरा होने और उम्मीदवारों की जीत और हार के नतीजे घोषित कर देता है । 

 

 
 
 

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